Condolence letter sample in hindi | शोक पत्र का नमूना

किसी की डेथ होने पर शोक, सहानुभूति या सांत्वना के लिए लिखा जाने वाला शोक-पत्र (Condolence letter)


कुछ चीज़ें मनुष्य के हाथ में नहीं होती, उन्ही में से एक है किसी की मृत्यु। किसी प्रियजन या क़रीबी की निधन का दुःख असहनीय होता है। किसी खास को खो देने का गम दुनिया का सबसे बड़ा गम है। ऐसे में आप अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर और शोक पत्र भेज कर उनके दुःख को कुछ हद तक कम कर सकते हैं जिन्होंने अपने किसी खास को खोया है। 

Condolence letter in hindi

इससे आप उन्हें यह अहसास भी दिला सकते हैं कि इस कष्ट के लम्हों में आप उनके साथ हैं। किसी के निधन पर शोक कैसे व्यक्त करना है और उन्हें शोक पत्र लिखते हुए आपको किन-किन चीज़ों का ध्यान रखना चाहिए, जानिए:

निधन पर शोक कैसे व्यक्त करना चाहिए?

  • जिस भी किसी व्यक्ति को आप यह शोक पत्र भेज रहे हों, उन्हें सामान्य रूप से सम्बोधित करें जैसे अगर वो बड़े हैं तो उन्हें श्री मान जी और छोटे हैं तो डिअर या प्रिय आदि लिखें।
  • आपको उस व्यक्ति के निधन का कितना दुःख हुआ है इस बात को शब्दों का रूप देने की कोशिश करें साथ ही उन्हें बताएं कि यह खबर आपको कहा से मिली।
  • अगर जिनकी मृत्यु हुई है वो आपके क़रीबी है तो आप उनके साथ बिताये समय और यादों का जिक्र इस पत्र में अवश्य करें।
  • जिसे आप पत्र लिख रहे हैं, उससे दुःख बांटे और यह अहसास दिलाएं कि इस स्थिति में आप उसके साथ हैं साथ ही मदद का प्रस्ताव भी दे।
  • पत्र का अंत भी आप सहानुभूति भरे वाक्य या शब्दों के साथ करें जैसे "तुम्हारा शोकाकुल मित्र", "आंतरिक शोक के साथ”,"हमारी हार्दिक सहानुभूति” आदि।


Sample#1. मित्र के माता के निधन पर शोक पत्र (Condolence letter for friend's mother death)

प्रिय राज,

मुझे तुम्हारी माता जी की मृत्यु की खबर मिली। खबर सुनते ही मेरे जहन में बचपन से लेकर अब तक उनकी सभी यादें ताज़ा हो गयी। तुम्हारी माता जी बेहद भद्र और हंसमुख थी। उनके अच्छे स्वभाव के कारण उन्हें हर कोई पसंद करता था। उनका हँसता हुआ चेहरा मुझे आज भी याद है। 

मुझे पता है कि माँ की कमी कोई भी पूरी नहीं कर सकता। लेकिन, भगवान को शायद यही मंज़ूर था और उनकी मर्ज़ी के आगे हम सब विवश हैं। मैं इस असहनीय दुःख की घड़ी में आपके साथ हूँ। अगर तुम्हें मेरी किसी भी मदद की आवश्यकता हो तो बिना किसी संकोच के मुझे बताएं।

मेरी भगवान से यही प्रार्थना हैं कि आपकी माता जी की आत्मा को शांति और आपको व पूरे परिवार को यह दुःख सहन करने की शक्ति मिले।

आंतरिक शोक के साथ,

तुम्हारा मित्र,
राहुल सिंह, 
जयपुर।


Sample#2. आकस्मिक निधन पर शोक पत्र (Condolence letter on accidental death)

फ्लैट न. 456,
शिवालिक सिटी, 
पिन-xxxx, मथुरा।

श्री मान राहुल जी,

आपके प्रिय मित्र राजेंद्र जी की अकस्मात हुई मृत्यु के बारे में सुन कर बहुत दुःख हुआ। मुझे पता है कि आप दोनों की दोस्ती बहुत गहरी थी। आप अक्सर उनका जिक्र किया करते थे। मैं जानता हूँ उनकी उम्र अभी इस दुनिया से जाने की नहीं थी। लेकिन, मृत्यु पर किसी का वश नहीं चला हैं।

विपत्ति के इस समय में मेरी सहानुभूति आपके साथ है। आपके दुःख को मैं अच्छे से समझ सकता हूँ। यह गमों का पहाड़ जो आप पर टूट पड़ा है, भगवान आपको इन्हे सहन करने की शक्ति दे। अपने आपको अकेला मत समझना। मैं हमेशा आपके साथ हूँ और जल्द ही आपसे मिलने की कोशिश करूँगा। भगवान उनकी आत्मा को अपने चरणों में जगह प्रदान करें।

शोकाकुल,

अविनाश त्रिपाठी,
शास्त्री नगर,
लुधियाना (पंजाब)।

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Sample#3. सहेली के पति के निधन पर शोक पत्र (Condolence letter for friend husband death)

फ्लैट न. 123,
न्यू कॉलोनी,
करनाल,
हरियाणा।

प्रिय आंचल,

तुम्हारे पति की अचानक मृत्यु की खबर सुन कर मैं अचंभित हूँ। अभी पिछले सप्ताह ही तो हमारी मुलाकात हुई थी। हम सब ने कितना समय साथ बिताया था। आपके पति की ऊर्जा, भविष्य के प्रति उनकी सकारात्मक सोच और योजनाएं आज भी मेरे मन में ताज़ा हैं। किसे पता था कि वो मुलाकात हमारी आखिरी मुलाकात होगी। 


तुम दोनों को देखकर लगता था कि तुम दोनों एक दूसरे के लिए ही बने हो। अगले महीने होने वाली आप दोनों की शादी की सालगिरह के लिए भी हमने पूरी तैयारी कर ली थी। लेकिन, होनी को कौन टाल सकता है? जो बीत चुका है, उसे वापस नहीं लाया जा सकता। तुम्हारे जीवन में तुम्हारे पति की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता। किंतु प्रिय सखी, अब बच्चे तुम पर आश्रित हैं और उनका ख्याल अब तुम्हें ही रखना है। 

आपके पति जहाँ कहीं भी होंगे उनकी भी यही इच्छा होगी कि आप सब खुश रहें। इसलिए अपना ध्यान रखें, मैं जल्द ही तुमसे आ कर मिलूंगी। मेरी हार्दिक सहानुभूति तुम्हारे परिवार व तुम्हारे साथ है। भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।

आंतरिक शोक के साथ,

तुम्हारी सहेली,
रजनी सिंह,
दिल्ली

नोट :- 
आप अपनी जरुरत/भावना के अनुसार इन पत्रों को संशोधित कर सकते हैं।

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